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संजय दत्त की पहली पत्नी की बेटी त्रिशाला काफी खुले विचारों वाली लड़की हैं। इसके साथ ही वे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। वे आये दिन अपने खूबसूरत फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया एकाउंट ओर साझा करती रहती है। इसके साथ ही वो अपने फॉलोवर्स के साथ क्वेश्चन आंसर सेशन भी करती रहती है। ऐसे में वे अपने फॉलोवर्स के कई सवालों का जवाब देती रहती है। ऐसे में हाल ही एक सेशन के दौरान उन्होंने अपने रिलेशनशिप में बीते बुरे एक्सपीरियंस को साझा किया।

दरअसल त्रिशाला से इस सेशल में एक फॉलोवर ने सवाल किया कि क्या उन्होंने अपने रिलेशनशिप में किसी तरह की कोई गलती की है ? जिसका जवाब त्रिशाला ने एक लंबा नोट लिख कर दिया।

उन्होंने लिखा कि, “कुछ सालों पहले मैं जिसे डेट कर रही थी और मैं इसे Dating इसल‍िए कहती थी क्योंकि उसमें मैं खुद को ही डेट कर रही थी, वो तो इसमें कभी था ही नहीं, पर मुझे उस इंसान को मनाना पड़ा कि साथ में रहना एक अच्छा आइड‍िया हो सकता है। मुझे याद है मैंने उसे इस बारे में सोचने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। अद्भुत! देखो, अपना आत्म-सम्मान पीछे छोड़ दिया था, खुद के लिए इज्जत नहीं थी, जीरो-बाउंड्रीज थी, कहीं ना कहीं खुद से नफरत करती थी। खैर, लंबी कहानी है, वो मुझसे कूड़े की तरह बर्ताव करता था। बिल्कुल, और हर दिन मैं ये सोचती थी कि शायद उसका दिन बुरा रहा। सोचती थी कि वो अभी बहुत सारी चीजों से गुजर रहा है तो इसल‍िए ठीक है, कल को वो बेहतर स्थ‍ित‍ि में होगा। पर ये कभी नहीं हुआ, ये और बिगड़ता चला गया।”

त्रिशाला ने इस बात को और साफगोई से रखते हुए कहा “वो धीरे-धीरे मुझे मेरे ही दोस्तों से अलग करता गया, मुझे बिना इसका एहसास दिलाए। जब भी मैं बाहर जाती थी मैं उसे मैसेज कर देती थी, और जब मैं घर वापस आती तो वो मुझ पर टॉन्ट पास करता- ओह, कोई आज घर देर से आया है। अपनी वफादारी साबित करने के लिए मैंने अपने दोस्तों से मिलना बंद कर दिया जबकि वो अपनी जिंदगी गुजारता रहा, दोस्तों के साथ बाहर जाता रहा और आपको पता है मैं घर पर रहूं या बाहर, वो मुझसे बहुत बुरे तरीके से पेश आता था।”

वहीं त्रिशाला अपने नोट के आखिर में लिखती है कि ‘मैंने अपने ऊपर सालों तक काम किया और अपनी अंतर आत्मा को जानने की कोश‍िश की, कि मैं क्यों ऐसे रिश्ते में हूं जिससे मैं शुरुआत से ही बहुत अच्छी तरह से वाक‍िफ हूं। मैं खुद के टॉक्स‍िक व्यवहार के लिए खड़ी हुई जो उसे अपने साथ ऐसा बर्ताव करने की इजाजत देता था। मैंने उसे स्वीकार किया और मैं खुद पर शर्म‍िंदा हूं, पर अब मैं समझ गई हूं, सीखा है और अब मैं यहां हूं। येय’