images 3

Ekadashi Vrat: सनातन धर्म में एकादशी तथा पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि एकादशी का व्रत समस्त पापों को नष्ट कर अखंड पुण्य देता है। यही नहीं, इस दिन को तंत्र शास्त्रों में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। जयपुर के ज्योतिषी मोहर सिंह कहते हैं कि इस दिन किए तंत्रोक्त टोने-टोटके (Ekadashi Ke Totke) तुरंत असर दिखाते हैं। जानिए एकादशी के ऐसे ही कई उपायों के बारे में

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष में 12 महीने होते हैं। इनके नाम क्रमशः चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष तथा शुक्ल पक्ष में दो अलग-अलग एकादशियां आती हैं। इस तरह एक वर्ष में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं।

एकादशी पर भगवान विष्णु तथा श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। वस्तुतः यह तिथि भगवान विष्णु को ही समर्पित की गई है। इसलिए इस दिन उनके ही निमित्त उपाय किए जाते हैं। ये उपाय निम्न प्रकार हैं |एकादशी पर भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें पीले चंदन और केसर में गुलाब जल मिलाकर तिलक करें। इसी तिलक से स्वयं भी तिलक लगाएं और काम पर निकलें। ऐसा करने से कार्य अवश्य पूर्ण होता है।

एकादशी के दिन व्रत करें और उस दिन एक नारियल को थोड़ा सा काट कर उसमें बूरा और देसी घी मिलाकर भर दें। फिर वापिस इस नारियल को बंद कर दें और किसी ऐसे स्थान पर मिट्टी में थोड़ा सा नीचे दबा दें जहां आस-पास में चींटियों का बिल हों। जैसे-जैसे चींटियां उस घी मिले बूरे और नारियल को खाएंगी, आपकी आर्थिक समस्याएं खत्म होने लगेंगी। कुछ ही दिनों में सभी तरह की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाएंगी।

एकादशी के दिन डंठल वाले पान के पत्ते पर रोली अथवा कुमकुम से श्री लिख कर भगवान विष्णु को अर्पित करें। इसके बाद पूजा करें। पूजा पूर्ण होने के बाद इस पत्ते को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से जल्दी नौकरी में प्रमोशन होता है। बिजनेस करने वालों के लिए भी नए अवसर खुलने लगते हैं।

एकादशी पर भगवान कृष्ण को नारियल और बादाम का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस नारियल और बादाम को छोटे बच्चों को खाने के लिए बांट दें। इस तरह लगातार 27 एकादशियों तक करने से हर इच्छा पूर्ण होती है।

इस दिन उनके प्रिय मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का 21 माला जप करने से व्यक्ति पर अचानक आने वाले कष्ट दूर होते हैं।

यदि किसी दंपत्ति के संतान नहीं हो तो उसे एकादशी के दिन से संतान गोपाल मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः’ का जप आरंभ करना चाहिए। इस मंत्र का प्रतिदिन एक माला (108 बार) जप करने से शीघ्र ही संतान होने का योग बनता है