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हम आपको भारत के रहीश और अय्याश राजा रानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे नमस्कार दोस्तों हिन्दटैग.com में आपका स्वागत हैं . आये जानते है भारत के सबसे रहीश और अय्याश राजा रानियों के बारे में .( महाराजा भूपेंद्र सिंह, मुगल बादशाह शाहजहां, हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली,महारानी गायत्री देवी ,इंदिरा देवी महारानी,जूनागढ़ के नवाब सर महावीर खान रसुल खान,महाराज किशन सिंह भरतपुर,

महाराजा भूपेंद्र सिंह: हमारी सूची में सबसे पहला नाम है पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह का ऐसा माना जाता है कि उनका सबसे बड़ा शौक सुंदर लड़कियों के साथ समय व्यतीत करना था. सुंदर औरतें और कामवासना पटियाला के महाराजा की सबसे बड़ी कमजोरी थी 38 सालों तक पटियाला पर राज करने वाले भूपेंद्र सिंह ने 5 शादियां की थी ,और ऐसा माना जाता है कि उनके पास 350 से ज्यादा रखैल थी. कुल मिलाकर महाराजा भूपेंद्र के 88 बच्चे थे.पटियाला के महाराजा की अय्याशी का पता इस बात से भी चलता है कि वह फ्रेंच ब्यूटीशियन,भारतीय प्लास्टिक सर्जन, सोनार और फैशन डिजाइनर के साथ मिलकर अपनी रखैल को अपनी पसंद के हिसाब से तैयार करवाते थे. इन सब बातों का खुलासा दीवान जरमनी दास की किताब ‘ महाराजा ‘से हुआ है. जिसमें जर्मनी दास ने राजा महाराजाओं के किस्से खुल के बिना किसी लाग लपेट के बताए हैं.

जर्मनी दास ‘ महाराजा ’में यह भी लिखते हैं कि महाराजा भूपेंद्र सिंह लग्न पार्टियों के बहुत शौकीन थे. गर्मियों में अपने स्विमिंग पूल में राजा नग्न महिलाओं और मद्रा के साथ जमकर अय्याशी करते थे. इन पार्टीज में नग्न औरतों के सीने पर मद्रा उड़ेल कर शराब पी जाती थी, और फिर उसके बाद सामूहिक संबंध भी बनाए जाते थे, दोस्तों आजादी के बाद जिस स्टर्लिंग सिल्वर की बग्गी पर बैठकर हमारे देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति भवन गए थे वह महाराजा भूपेंद्र सिंह की ही थी.

मुगल बादशाह शाहजहां: मुगल बादशाह शाहजहां : हम सब इस कहानी को जानते हैं और इसका कारण है खूबसूरत आज सफेद संगमरमर की बनी वह नायाब हमारा जो आज मिसाल है सच्चे प्रेम की.लेकिन शाहजहां की शख्सियत को अगर आप करीब से जानेंगे तो पाएंगे कि वह प्रेमी नहीं सनकी था. दोस्तों आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुमताज़ की मौत शाहजहां की 14 बच्चे को जन्म देते समय हुई थी. दरअसल मुगल बादशाह मुमताज की खूबसूरती का कायल था.

इसलिए शाहजहां ने मुमताज के अलावा अपनी किसी और पत्नी से बच्चे पैदा नहीं किए लगातार बच्चों को जन्म देने की वजह से मुमताज को कई गंभीर समस्याएं हो गई थी जिसके चलते उसकी मौत हो गई. मुमताज की मौत के बाद शाहजहां ने करीब 8 शादियां और की उनके अलावा उसके हरम में कई सौ महिलाएं भी थी. वही ताज को पूरा करने में 22000 लोगो को 22 साल लग गए. इसमें लगा सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से आया था . क्रिस्टल चीन से आए थे,रोडोनाइट अरब से लेपिस लजूली अफगानिस्तान से और नीलम श्रीलंका से खास तौर पर मंगाए गए थे इस अकेली इमारत को कंस्ट्रक्शन में सल्तनत के खजाने का ज्यादा तर खजाने का हिस्सा खर्च हो गया था .

हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली: राजाओं की सूची में तीसरा नाम है हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली का अपने समय में उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में की जाती थी उनकी अमेरिका यह आलम था कि वह एक 185 कैरेट के डायमंड का इस्तेमाल अपनी टेबल पर पेपरवेट की तरह करते थे इस डायमंड का साइज ऑस्ट्रिच के अंडे जितना था और यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा डायमंड था वैसे तो निजाम के कई किस्से मशहूर है लेकिन सबसे मशहूर यह है कि 22 साल की उम्र में अज्मोनिशा बेगम से अपनी पहली शादी के बाद मैहर के रूप में उन्हें 128 किलो सोना दिया था.

निजाम ने कितनी शादियां की यह कहना मुश्किल है लेकिन उनकी तीन दर्जन के आसपास औलादे थी. निजाम के पास 14718 कर्मचारी थे, और 3000 अरबी बॉडीगार्ड थे. उनके महल के सिर्फ लेयर को ही साफ करने के लिए 38 लोगों का स्टाफ था. इन सबके अलावा निजाम उस्मान अपनी शायरी भी मशहूर थे. उनकी अंतिम यात्रा में कहते हैं 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.

महारानी गायत्री देवी: महारानी गायत्री देवी : जयपुर की राजमाता कही जाने वाली महारानी गायत्री देवी का जन्म 30 मई 1919 को लंदन में हुआ था. महारानी गायत्री देवी के पिता राजकुमार जितेंद्र नारायण कुच बिहार के युवराज के छोटे भाई थे,और वहीं उनकी मां इंदिरा राजे बड़ौदा के माराठा राजा महाराजा सयाजीराव गायकवाड कृति की इकलौती बेटी थी. गायत्री देवी के बारे में कहा जाता है कि वह एक बहुत ही बड़े शानदार महल में पली बढ़ी थी, और उनके महल में लगभग 500 से ज्यादा नौकर काम करते थे. इसके साथ-साथ गायत्री देवी को गाड़ियों और शिकार का भी बहुत शौक था.

इंदिरा देवी महारानी कूच बिहार: इंदिरा देवी महारानी कूचबिहार: बड़ौदा के राजपरिवार में जन्म इंदिरा देवी का जीवन उथल-पुथल से भरा रहा. पहले इंदिरा का विवाह ग्वालियर के महाराजा माधावराव सिंधिया से तय हुआ था. लेकिन वह कुच बिहार के महाराजा के छोटे भाई के प्यार में ऐसी पड़ी की उसने वह रिश्ता तोड़ दिया. जितेंद्र और इंदिरा शादी के बाद लंदन चले गए और फिर इन दोनों ने पूरे यूरोप की सालों तक शैर की. इंदिरा जूतों की इतनी शौकीन थी कि एक बार उसने अपने फेवरेट शू मेकर सलवटोरे गमों को 100 जोड़ी जूते बनाने का आर्डर दिया था. जिनमें से कई जूतों में हीरे जवाहरात चढ़े जाने थे.