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टीवी के सबसे पॉपुलर शो बिग बॉस ओटीटी की कंटेस्टेंट रही उर्फी जावेद अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है। ऊर्फी जावेद कभी अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें को लेकर सुर्खियों में रहती है तो कभी वह अपने अजीबोगरीब ड्रेस पहनने के कारण चर्चा में रहती है। पिछले दिनों ही उर्फी सरेआम मोजे से बनी ब्रा पहनी हुई नजर आई थी जिसके बाद उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि इन दिनों उर्फी जावेद अपने बयान को लेकर छाई हुई है। ऊर्फी जावेद ने अपने निजी जिंदगी से जुड़े कई राज खोले हैं

दरअसल, उर्फी जावेद जब बिग बॉस ओटीटी से बाहर आई थी तो उन्होंने मीडिया के बीच कई सारी बातें साझा की थी। इसी दौरान ऊर्फी जावेद ने खुलासा किया था कि, उनका बचपन मुश्किलों वाला था और वह डिप्रेशन का शिकार भी हो चुकी थी। उर्फी ने इस दौरान खुलासा किया कि जब वह 11वीं क्लास में थी तब उनके किसी एक दोस्त ने उनकी एक तस्वीर एडल्ट साइट पर शेयर कर दी थी जिसके बाद उनके परिवार से जुड़े सदस्य उन्हें गलत समझते थे और उनका साथ नहीं देते थे।

इतना ही नहीं बल्कि उर्फी को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं मिला। उर्फी ने बताया कि उस समय मुझे हर कोई दोषी माने जा रहा था। रिश्तेदार और परिवार को भी लग रहा था कि मैं सब से छुपकर पोर्न स्टार का काम करती हूं।ऊर्फी जावेद ने कहा कि , “मुश्किल वक्त में मेरा साथ देने के बजाए मेरे परिवार ने मुझे दोषी मान लिया। मुझे बोलने तक नहीं दिया गया। मेरे पिता ने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। मेरे रिश्तेदार मेरे बैंक अकाउंट की जांच करना चाहते थे। उन्हें लग रहा था कि मेरे बैंक खाते में छुपे हुए पैसे आते हैं। मैं गलत काम करती हूं। रिश्तेदार मुझे पोर्न स्टार कहकर बुलाते थे। दो साल तक मुझे घर में बंद रखा गया, बाद में घर से बाहर कर दिया गया।”

आगे उर्फी ने बताया कि, “आस पास के लोग मेरे बारे में ऐसी-ऐसी गंदी बातें करते थे कि मुझे अपना नाम भी याद नहीं आता था। पिता मुझे मारते-पीटते तो मैं कुछ नहीं बोल पाती, उस वक्त मेरे पास उसे झेलने के अलावा कोई विक्लप नहीं था। मेरे साथ लोग बैठते तक नहीं थे। किसी लड़की को मेरे साथ नहीं जाने दिया जाता था। इस हादसे के बाद मैंने खुद पर भरोसा किया। अपनी आवाज उठानी सीखी।”

बकौल उर्फी जावेद, “दो सालों तक मेरे साथ ये सब चलता रहा । इस टॉर्चर के कारण मैं अपना नाम तक भूल चुकी थी। मैं जिस हालातों से गुजरी हूं, भगवान ऐसे हालात किसी लड़की के सामने नहीं लाए। मेरे परिवार में लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं थी। मुझे हमेशा ये बताया गया कि लड़कियों की आवाज नहीं होती है, केवल पुरुष जो बोलते हैं, बस उसे ही मानना होता है। मैंने दो साल तक सब झेला। जब घर छोड़ा तब मैंने बोलना सीखा। तब मुझे पता चला कि लड़कियां भी बोल सकती है।”इसके अलावा उर्फी ने कहा कि, घर के हालात देखकर वह अपनी दो बहनों को लेकर घर से भागकर दिल्ली आ गई थी। इस दौरान उन्होंने बहनों के साथ दिल्ली के एक पार्क में रात गुजारी और किसी तरह से एक नौकरी कॉल सेंटर में मिली। कुछ दिनों बाद पता चला कि पिता ने दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद मां और दो भाईयों की जिम्मेदारी भी उनके कंधे पर आ गई।