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200 साल पुराने पटौदी रियासत के नौवें नवाब मंसूर अली खान पटौदी का जन्म 5 जनवरी 1941 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था और उनकी मौत 22 सितंबर 2011 को दिल्ली में हुआ था। नवाब अली हरियाणा के गुड़गांव के जिस पैलेस में रहते थे वहां 150 कमरे हैं और 100 से ज्यादा नौकर काम करते थे।

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बता दें कि मंसूर अली खान 9वें नवाब जबकि उनके बाद सैफ अली खान रियासत के 10वें नवाब हैं। पिता की मौत के बाद सैफ की ताजपोशी हुई थी। किसने बनवाया था ये महल…

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हरियाणा के गुड़गांव से 26 किलोमीटर दूर पटौदी में बना यह सफेद महल पटौदी परिवार की निशानी है। इस परिवार का इतिहास वैसे तो 200 साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन इस महल को बने अभी करीब 80 साल ही हुए है।पटौदी पैलेस का निर्माण 1935 में 8वें नवाब और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दकी ने कराया था। उनके बेटे और 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी ने विदेशी आर्किटेक्ट की मदद से इसका रिनोवेशन कराया था।

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नवाब अली के बचपन में सात-आठ नौकर सिर्फ उनकी देखभाल में लगे रहते थे। इस पैलेस में कई बड़े ग्राउंड, गैरेज और घोड़ों के अस्तबल हैं।हाल ही में नवाब अली के बेटे और 10वें नवाब सैफ अली खान ने पटौदी पैलेस का रिनोवेशन कराया था। रिनोवेशन के बाद सैफ ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर इसकी जानकारी दी थी।

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2014 में सैफ ने नीमराना होटल को खरीदा था और उसका रिनोवेशन शुरू करवाया था। उन्होंने बताया, पापा ने जब इस पैलेस को नीमराना को दिया, तब तक मेरी मां इसकी देखरेख करती थीं। मैंने रिनोवेशन का जिम्मा दर्शिनी शाह को दिया है, जिन्होंने मुंबई में मेरे घर का इंटीरियर किया है। इस जगह से मेरा आध्यात्मिक कनेक्शन जुड़ गया है।सैफ ने यहां अपनी दादी के फायरप्लेस, लाइब्रेरी को नया लुक देने के साथ कमरों की छत को रात में दिखने वाले आसमान का लुक दिलवाया था। नवाब अली खान के पुरखे सलामत खान सन 1408 में अफगानिस्तान से भारत आए थे।

सलामत के पोते अल्फ खान ने मुगलों का कई लड़ाईयों में साथ दिया। उसी के चलते अल्फ खान को राजस्थान और दिल्ली में तोहफे के रूप में जमीनें मिलीं। 1804 में पटौदी रियासत की स्थापना हुई।पुश्तैनी महल और दिल्ली के सबसे नामचीन बाजार कनॉट प्लेस के बीच बेहद गहरा रिश्ता है। यह संबंध इसलिए बनता है क्योंकि जिन रोबर्ट टोर रसेल ने कनॉट प्लेस का डिजाइन तैयार किया था, उन्होंने ही पटौदी के महल का भी डिजाइन बनाया था।

कहते हैं कि नवाब पटौदी के वालिद साहब इफ्तिखार अली खान पटौदी कनॉट प्लेस के डिजाइन से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने निश्चय किया कि उनके महल का डिजाइन भी रसेल ही तैयार करेंगे।पटौदी पैलेस में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है, जिनमें मंगल पांडे, वीर-जारा, रंग दे बसंती, और लव जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं और सैफ अली खान की सीरीज़ तांडव की शूटिंग भी यहाँ हुई है।मंसूर अली उर्फ नवाब पटौदी की मौत के बाद उन्हें महल परिसर में ही स्थित कब्रगाह में जहां दफनाया गया। यही उनके पास दादा-दादी और पिता की भी कब्र है।