राज कपूर ने 1973 की सुपरहिट फिल्म ‘बॉबी’ के साथ अपने गिरते करियर को बचाया था। इस फिल्म में उनके बेटे ऋषि कपूर हीरो थे। इस फिल्म ने राज कपूर को उनकी 1970 में रिलीज हुई महत्वाकांक्षी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के फ्लॉप होने के बाद पैदा हुए वित्तीय संकट से बाहर निकाला था।
‘बॉबी’ के बाद राज कपूर ने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ पर काम शुरू किया। शशि कपूर और जीनत अमान अभिनीत, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ 1978 में रिलीज हुई और हिट साबित हुई। लेकिन इस फिल्म के साथ कई सारे विवाद भी जुड़े रहे। फिल्म ने जहां एक तरफ पूरा होने से पहले ही सभी का ध्यान खींचा, वहीं रिलीज के बाद फिल्म निर्माता के खिलाफ ‘नैतिक पतन’ के लिए मामला दर्ज किया गया।
पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी आत्मकथा ‘ए रूड लाइफ’ में लिखा है कि कैसे फिल्म के सेट से जीनत अमान की तस्वीरें लीक होने के बाद लोगों में फिल्म को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई थी। इन तस्वीरों में जीनत बेहद कम कपड़ों में थीं।हालांकि ये मामला तब ओर बढ़ गया, जब राज कपूर ने उस पब्लिशिंग हाउस पर केस कर दिया, जिसने इन तस्वीरों को प्रकाशित किया था।
मुंबई के प्रसिद्ध आरके स्टूडियो में राज कपूर का इंटरव्यू करने वाले सांघवी ने अपनी किताब में लिखा कि कपूर साहब ने फिल्म को ‘दार्शनिक शब्दों’ में समझाया था।उन्होंने कहा था, “एक पत्थर लो। यह सिर्फ एक पत्थर है। लेकिन आप उस पर कुछ धार्मिक निशान लगा देते हैं और वह भगवान बन जाता है। यह मायने रखता है कि आप चीजों को कैसे देखते हैं। आप एक सुंदर आवाज सुनते हैं। लेकिन बाद में पता चलता है कि यह एक बदसूरत लड़की से आती है…”
सांघवी ने बताया कि असल में वो गायिका लता मंगेशकर के बारे में बात कर रहे थे, जिनके साथ उनके चेहरे और आवाज के बीच के अंतर के बारे में की गई इसी तरह की टिप्पणियों के कारण उनका विवाद हो गया था। यह पूछे जाने पर कि जीनत अमान की सेट से लीक हुई तस्वीरों ने सभी का ध्यान खींचा है, उन्होंने कहा, “उन्हें जीनत के शरीर को देखने आने दो। वे मेरी फिल्म को याद करते हुए बाहर जाएंगे।”