300 बेटियों का ‘पिता’ बन हीरा कारोबारी ने किया कन्यादान

एक बिन ब्याही बेटी का दर्द क्या होता है, यह एक पिता से ज्यादा कौन समझ सकता है। लेकिन जब पिता ही दुनिया में न हो और बेटियों संग ऐसी स्थिति आ पड़े तो कोई मसीहा होगा जो उनके हाथ पीले करवाए। सूरत के एक हीरा कारोबारी ढाई सौ से ज्यादा बेटियों के लिए मसीहा ही बनकर आए।

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देश भर की ज्यादातर निगाहें जब क्रिकेटर विराट कोहली और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा बेहद खर्चीली शादी के रिसेप्शन की झलकियां अखबारों और टीवी में देख रही थीं, तभी एक जगह एक जगह ढाई सौ जोड़ों की शादियां एक साथ और हुईं, जिन पर शायद लोगों का उतना ध्यान नहीं गया।

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एक बार फिर सूरत के हीरा कारोबारी महेश सवानी ने 251 जोड़ों की शादी का खर्च उठाया। जिन लड़कियों के पिता नहीं हैं और जो जरूरतमंद हैं, उनका कन्यादान सवानी ने एक सामूहिक विवाह समारोह के जरिये पिता बनकर किया। इस समारोह में 5 मुसलिम जोड़ों, एक क्रिश्चियन जोड़े और दो एचआइवी पोजिटिव महिलाओं की भी शादियां संपन्न हुईं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हीरा कारोबारी सवानी 2012 से हर साल इसी तरह सामूहिक विवाह का आयोजन कराते हैं। वह बेसहारा और जरूरतमंद लड़कियों के हाथ पीले करते हैं। वह यह काम चैरिटी के तौर पर करते हैं।हालांकि उन्होंने इसकी शुरुआत 2008 में तब की थी जब उनके यहां काम करने वाले एक कर्मचारी की मौत उसकी बेटी की शादी के कुछ दिन पहले हो गई थी। तब उन्हें महसूस हुआ कि पिता के न होने पर बेटी की शादी में कितनी मुश्किलें आती हैं।

सामूहिक विवाह में हर जोड़े के धर्म और परंपराओं के अनुसार रीति-रिवाजों का पालन किया गया।

 

सवानी ने पिछले साल भी दुल्हनों को वैवाहिक जीवन की अच्छी शुरुआत करने के लिए आर्थिक मदद और घर का जरूरी सामान भी उपहार स्वरूप दिया था।सामूहिक विवाह में खर्च कितना आया, इस बात की जानकारी नहीं लग पाई है। सवानी के मुताबिक इस बार रियल एस्टेट डिवेलपर संजय मोवालिया का भी काफी सहयोग रहा।

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भारत में शादी को एक महंगा इवेंट माना जाता है। कई बार इसमें होने वाले खर्च को लेकर लोगों की शादियों में देरी हो जाती है। सवानी कहते हैं कि यह उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है कि जिन लड़कियों के पिता नहीं है और जो आर्थिक रूप से शादी करने में सक्षम नहीं हैं, उनकी वे मदद करें।

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सवानी कहते हैं कि उन्होंने इन लड़कियों के पिता की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर लिया है। सवानी का मानना है कि बिना पिता की लड़कियों की शादियां करवाने से भगवान खुश होकर आशीर्वाद देते हैं