कलयुग में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन विधि-विधान से नियमपूर्वक शनिदेव की पूजा करता है उस पर कभी शनिदेव की वक्रदृष्टि नहीं रहती है. शनिदेव का प्रभाव इस जगत के समस्त जीवों पर होता है लेकिन रामभक्त हनुमान पर शनिदेव की साढ़े साती का असर नहीं होता है. शनिदेव और हनुमान जी को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. उनमें से ही एक कथा है जिसमें शनिदेव की एक गलती की वजह से उन्हें बजरंगबली की पूंछ में बंधने को मजबूर होना पड़ गया था. आज हम आपको इस कथा के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार सूर्यपुत्र शनिदेव बेहद शक्तिशाली ते इस वजह से उन्हे अपनी शक्ति पर काफी घमंड आ गया था. बचपन में शनिदेव अपने माता और पिता से रूठकर घर से भाग जाया करते थे. इसके बाद अपने बल से वे आम लोगों को काफी परेशान किया करते थे. शनिदेव के इस व्यवहार से लोग काफी परेशान थे. एक बार शनिदेव ने घर से भागकर एक गांव में आग लगा दी. उन्होंने गांव में सिर्फ इस बात पर आग लगाई कि गांव के लोगों ने उन्हें पानी पीने नहीं दिया
शनिदेव द्वारा गांव में आग लगाने की घटना के बाद गांव वाले शनिदेव को चारों तरफ से घेर लेते हैं और उन्हें मारने का प्रयास करते हैं. उसी वक्त उस स्थान पर पवनपुत्र बजरंगबली पहुंचते हैं और शनिदेव को बता लेते हैं. अपनी जान बचाने पर ऋणी होने के बजाय शनिदेव हनुमान जी से कहते हैं कि आपको मेरे रास्ते में नहीं आना था.
इस पर शनिदेव हनुमान जी से वाद-विवाद करने लगते हैं. ये वाद-विवाद गदा युद्ध में तब्दील हो जाता है और फिर बजरंगबली नाराज होकर शनिदेव को अपनी पूंछ में लपेटकर बंदी बना लेते हैं और उनके पिता सूर्य देव के पास ले जाकर छोड़ देते हैं.
हनुमान जी के इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न
जानकारों के अनुसार हिंदू-धर्म ग्रंथों के मुताबिक शनिदेव ने हनुमान जी को एक बार वचन देते हुए कहा था कि जो इंसान आपकी आराधना करेगा, उसकी मैं हमेशा रक्षा करुंगा। इसी वजह से हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव की भी कृपा बनी रहती हैं।
पं. शर्मा का कहना है कि मान्यता के अनुसार शनिदेव कभी भी हनुमानजी की पूजन करने वाले भक्तों का नुकसान नहीं करते हैं। ऐसे में हर शनिवार को श्री हनुमान जी की पूजा शनिदेव को भी प्रसन्न करती है। वहीं यदि आप मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही श्री हनुमान का पूजन करें। सच्चे मन से आराधना करने पर श्री हनुमान जी जरुर प्रसन्न होते हैं और उनके भक्तों को हमेशा शुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
शनिवार और मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें नवग्रह मंदिर में शनि व श्रीहनुमान की जल स्नान व विशेष सामग्रियों से उनकी पूजा करें। यह क्रिया आप शाम को भी कर सकते है।जब भी आप शनिदेन की पूजा करें तो इस बात का ध्यान रहें कि पूजा करते समय गंध, चावल, फूल, तेल, तिल, काले वस्त्र आदि चढ़ाए और हनुमान को सिंदूर, लाल चंदन, फूल, चावल व लाल वस्त्र चढ़ाएं।शनिवार या मंगलवार के दिन शनिदेव और हनुमानजी के पूजा के बाद इस मंत्र से 108 बार जाप करें…
हनुमान मंत्र : मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम। वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।